राजपथ से Live |
वही परेड है। अगर दूरदर्शन वाले 1999 की रिकॉर्डिंग भी चला दें तो कोई फर्क नहीं होगा। यहाँ तक की कैमरा एंगल तक बदले नहीं गए। कमेंटरी में हर बार केवल साल और नेताओं के नाम बदल दिए जाते हैं। ये हमारे गणतंत्र का अपमान नहीं है की उसे मानाने के लिए हमने एक rulebook लिख दी है ? हर साल कठपुतली शो की तरह शुरू होता है और ख़त्म हो जाता है।
कोई क्यूँ देखे 26 जनवरी की परेड ? नीचे comment ज़रूर करें।
क्या लगता है, कब की है ये परेड। अपलोड करने वाले ने undated लिखा है। शायद सही लिखा है।
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