क्या तुम्हें बरसना आता है ?




काहे का घमंड है ?
किस बात का का ग़ुरूर है ?
किया अभी तक कुछ नहीं,
बस होंठ हिलाना आता है ?

"ये बात गलत है"
"वो इंसान बुरा है"
तुम क्या हो? तुमने क्या किया ?
बस शब्द उगलना आता है ?

अभी तक पर तुम ये न समझे,
कि तुमको तब कुछ करना था,
गरजते तो तुम बहुत हो, 
क्या तुम्हें बरसना आता है ?



-अनिमेष अग्रवाल




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